Tuesday, November 19, 2019

अब थोड़ा खुश हूँ ..... 

क्योंकि अब सभी से हिसाब से प्यार करता हूं।

एक बार किया था किसी से बेहिसाब प्यार...


आज तक उसका हिसाब किताब करने में लगा हूं।।

Wednesday, October 9, 2019

उदास जिंदगी!!

मत पूछो क्या चल रहा है आजकल,
 बस सांसे चल रही है।।

Tuesday, October 1, 2019

मेरा गांव!

इस बारिश में मेरे गांव का पानी जरूर मिला हुआ है,
जो अभी-अभी बरसा है
वरना क्यों इसके होने पर दिल गांव की लिए तरसा है।
दिल बह गया शहर से गांव के खयालों में,
लेकिन क्यों नहीं बह रही है हवा आजकल शहरों में।
जो ये हवा शहरों में आजकल कम बह रही है,
लगता है यह मेरे गांव में  रह रही है  ।
                 क्योंकि
आज कल गांव मैं इंसानों की कम
और हवा की आवाज ज्यादा है,
हवा के मुकाबले इंसान आधा है।

इंसान !!!

अच्छा हुआ इंसानों के नाम होते हैं ।
अच्छा हुआ इंसानों का नाम इंसान नहीं होता ।।
वरना गुजर जाता है इंसान,
इंसान को ढूंढते ढूंढते.....
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Tuesday, September 10, 2019

बचपन का इतवार

 बचपन में शनिवार के दिन ही रविवार की खुशी का एहसास होता था क्योंकि तब हम स्कूल जाते थे अब कॉलेज जाते हैं तो शनि दान वाले दिख जाते हैं रविवार तब भी आता था रविवार आज भी आता है फर्क सिर्फ इतना है की आने की खुशी का एहसास अब नहीं आता......